दुबई शहर :
एक ऐसा शहर जो अपने रेगिस्तान और वहां की डेजर्ट सफारी के लिए जाना जाता है यूएई का सबसे स्मार्ट शहर दुबई दुनिया भर में अरबपतियों की पसंद है ।
दुबई मे कयामत :
इस समय शहर पर एक बड़ा संकट छाया हुआ है यहां कुछ ही घंटों में इतनी जबरदस्त बारिश हुई कि देखते ही देखते बाढ़ के हालात बन गए संयुक्त अरब अमीरात यूएई दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बनाने में तो कामयाब हो गया है लेकिन मौसम की मार और बाढ़ के हालातों से निपटने में उसे मुश्किल हो रही है जो तस्वीरें सामने आई हैं उन्हें देखकर यह अंदाजा लगाना मुश्किल है कि ये दुबई शहर है ।
बारिश कब और किस समय हुआ :
स्विच यूएई में सोमवार 15 अप्रैल की रात से बारिश शुरू हुई थी 16 अप्रैल की शाम तक यहां बारिश के 75 साल का रिकॉर्ड टूट गया यहां जितनी बरसात साल भर में होती थी उतनी बारिश महज 24 घंटे में ही हो गई दुबई रेगिस्तान में बसा शहर है यहां लोगों ने एक आधा बाहरी आसमान से पानी टपकता देखा था ।
दुबई ने भी रेगिस्तान मे बाढ़ का एक्सप्रिंस किया :
दुबई बारिश ही नहीं बाढ़ भी एक्सपीरियंस कर रहे हैं बारिश थमने का नाम ना ले बिजलियां कड़के और चारों तरफ घना अंधेरा छा जाए ऐसा दुबई आज से पहले कभी नहीं देखा गया ।
दुबई मे बारिश के बाद का हालात:
बारिश के बाद सबसे चौकाने वाली तस्वीर दुबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट से सामने आई एक वीडियो सामने आया है जिसमें एक एयरक्राफ्ट पानी को चीरते हुए आगे बढ़ता नजर आ रहा है दुबई का ये इंटरनेशनल एयरपोर्ट सबसे बिजी इंटरनेशनल एयरपोर्ट्स में गिना जाता है यहां ना सिर्फ दुबई आने वाले पैसेंजर्स लैंड करते हैं बल्कि यूरोप और अमेरिका जाने वाले यात्री भी यहीं से अपनी कनेक्टिंग फ्लाइट पकड़ते हैं जब बारिश हुई तो यहां के रनवे पर घुटने तक पानी भर गया और लिहाजा कई फ्लाइट्स डिले भी हो गई वहीं अब यह तस्वीर देखिए दुबई के बड़े-बड़े मॉल्स में भी बाढ़ का पानी घुस गया है याद दिला दूं कि इन मॉल्स में दुनिया का हर नामचीन फैशन ब्रांड मौजूद है लेकिन बाढ़ बारिश ने इनका भी हाल बुरा कर दिया है वहीं मॉल के बाहर लोगों की करोड़ों की लग्जरी गाड़ियां भी पानी में डूबी नजर आ रही हैं स्थानीय प्रशासन ने स्कूल को ऑनलाइन क्लास पर जाने के लिए कह दिया है वहीं दफ्तरों में वर्क फ्रॉम होम शुरू कर दिया गया है जानने वाली बात यह भी है कि दुबई में कोई भी मानसून सीजन नहीं चल रहा है वहां मानसून का सीजन होता भी नहीं है वहां तो दो ही मौसम होते हैं पहला गर्मी और दूसरा सर्दी गर्मी का सीजन अप्रैल से अक्टूबर तक होता है और नवंबर से फरवरी तक सर्दी पड़ती है ।
क्या दुबई मे बड़े-बड़े इमारते बारिश बाढ़ नही झेल सकती :
अब देखिए जिस देश में मानसून का सीजन ही ना हो रेगिस्तान जैसा देश हो बारिश की उम्मीद ही ना हो तो वहां की इमारतें भी बारिश के तौर तरीकों से नहीं बनाई गई हैं जो इमारतें हैं उनको बारिश को ध्यान में रखते हुए नहीं बनाया गया है इतना दुरुस्त ड्रेनेज सिस्टम ही नहीं है कि बाढ़ को संभाल सके जब इतनी चीजें इतने बदलाव अचानक हो रहे हो तो सवाल उठना भी वाजिब है ।
मीडिया के अनुसार ये बताया गया :
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की माने और वैज्ञानिकों की माने तो अचानक हुई इस बारिश को सरकार के क्लाउड सीडिंग प्रोजेक्ट का नतीजा बताया जा रहा है दरअसल दुबई में पानी की कमी रहती है ग्राउंड वाटर है लेकिन इसके बावजूद पानी की एक कमी रहती है इसलिए यहां की सरकार ने आर्टिफिशियल बारिश का सहारा लेने की सोची थी जल सुरक्षा मुद्दों के समाधान के लिए 2002 में आउट सीडिंग ऑपरेशन शुरू किया गया था इस तकनीक के जरिए बादलों से ज्यादा बारिश कराने के लिए केमिकल का इस्तेमाल होता है और केमिकल्स को वायुमंडल में डाला जाता है जिससे फिर बारिश होती है रिपोर्ट्स के मुताबिक दुबई में सीडिंग विमानों ने पिछले दो दिनों में सात मिशों को अंजाम दिया और केमिकल्स की मात्रा में भी बदलाव किया गया था नतीजा दुबई में सैलाब लाने वाली बारिश आई है यह जबरन लाई गई आर्टिफिशियल रेन ही दुबई की तबाही की वजह बनी हुई है एक्सपर्ट्स की माने तो क्लाउड सी के कई फायदे हैं लेकिन ज्यादा चिंता होती है क्योंकि रेगिस्तानी इलाके में इतनी ज्यादा बारिश से जमीन धस सकती है साथ ही फ्लैश फ्लेट जैसी स्थिति भी आ सकती है और आ भी गई है 16 अप्रैल को दुबई में जो बारिश आई वह प्राकृतिक थी या नकली यह कहना थोड़ा मुश्किल है लेकिन दुबई सिटी में जो तबाही आई है वह असली है ।